दाद या हर्पीस (Herpes) एक आम बीमारी है जो कि त्वचा का संक्रमण है। यह बीमारी हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस (एचएसवी) के कारण होती है। दाद मुंह, होंठ, त्वचा, आंखों और जननांगों पर हो सकती है। यह बीमारी इससे ग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में आने से हो सकती है। एक अनुमान के मुताबिक, करीब 4 अरब से अधिक लोग इस बीमारी से ग्रस्त है, जो जीवनभर इससे परेशान रहते हैं। हालाँकि इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन कुछ उपचार है जिन्हें आप आजमा सकते हैं।
दाद (Herpes) के प्रकार
हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस टाइप 1: (एचएसवी-1): यह वायरस जननांग का कारण बन सकता है। इसके अलावा इसकी वजह से मुँह के छाले (बुखार के छाले) आदि हो सकते हैं।
हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस टाइप 2: (एचएसवी-2): आमतौर यह वायरस जननांग दाद का कारण होता है। योनि, गुदा या मुख मैथुन सहित यौन संपर्क में आने यह वायरस फ़ैल सकता है।
दाद (Herpes) के प्रमुख लक्षण
खुजली: दाद होने पर त्वचा पर जलन, झुनझुनी या खुजली महसूस होती है।
छाले: मुंह, जननांगों या शरीर के अन्य हिस्सों पर छाले बन जाते हैं, जिसके फटने पर तरल पदार्थ निकलता है।
फ्लू: कभी कभी कमर में सूजन, बुखार, सिरदर्द और शरीर में दर्द हो सकता है।
फफोले: इसमें त्वचा पर लाल रंग के फफोले दिखाई पड़ते है।
जननांग दाद: इसमें लेबिया, गर्भाशय ग्रीवा, लिंग, अंडकोश, गुदा, जांघों, नितंबों या योनि के अंदर और आसपास छोटे, दर्दनाक छाले हो सकते हैं।
किस उम्र में होती है दाद (Herpes)
दाद से तकरीबन 67% लोग 50 वर्ष की आयु तक संक्रमित हो जाते हैं। वहीं लगभग 13% लोग 50.11 वर्ष की आयु तक एचएसवी-2 से संक्रमित हो जाते हैं।
दाद (Herpes) का उपचार कैसे करें?
दाद के उपचार के लिए एंटीवायरल दवाएं उपयोग में ली जाती है जो इस प्रकार है।
ज़ोविराक्स (एसाइक्लोविर)
वाल्ट्रेक्स (वैलेसीक्लोविर)
फैमविर (फैमसीक्लोविर)