गर्भावस्था का समय महिलाओं के लिए बेहद अहम होता है। इस समय महिलाओं को ना केवल खुद का बल्कि अपने गर्भ में पल रहे शिशु कि हेल्थ का भी ध्यान रखना बेहद ज़रूरी हो जाता है। यह वो समय होता है जब महिलाएं भावुक पलों से गुजरने के साथ तनावग्रस्त भी रहती है। उन्हें तरह तरह कि चिंताएं परेशान करती रहती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे समय में महिलाओं को तनाव लेने से बचना चाहिए, क्योंकि इसका असर ना सिर्फ मां बल्कि उसके गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है। दरअसल, इस समय महिलाओं के शरीर में कोर्टिसोल एवं एड्रेनालाईन जैसे स्ट्रेस हार्मोन एक्टिव हो जाते है। इन हार्मोन्स कि अधिकता के कारण माँ और बच्चे शिशु कि मेन्टल और फिजिकल ग्रोथ प्रभावित होती है।
गर्भ में पल रहे शिशु पर क्या असर पड़ता है? आइए जानते है
- दिमाग पर असर- मां के तनावग्रस्त होने की स्थिति में कोर्टिसोल हार्मोन एक्टिव हो जाता है, जिसका असर शिशु के ब्रेन के विकास और निर्माण पर पड़ता है। बता दें कि स्ट्रेस दिमाग के विकास के प्रति बेहद ही संवेदनशील होता है। ऐसे में माँ को स्ट्रेस लेने से बचना चाहिए।
- महीने पूरे होने से पहले जन्म- आपने अक्सर सुना होगा कि कई महिलाओं कि डिलीवरी 7वें महीने (9वें महीने से पहले) हो जाती है। वहीं बच्चे का वजन भी काफी कम होता है। इन दोनों समस्याओं की वजह माँ के प्रेग्नेंसी के दौरान तनाव है। वहीं माँ के स्ट्रेस लेने से बच्चे को भविष्य में हाइपरटेंशन, डायबिटीज, बच्चे का सही विकास ना होना जैसी बीमारियों सामना करना पड़ सकता है।
- भावनात्मक स्वास्थ्य पर असर- माँ के स्ट्रेस का असर बच्चे की भावनात्मक हेल्थ पर भी पड़ता है। वहीं, भविष्य में बच्चे को डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी तकलीफों का सामना करना पड़ सकता है।
माँ कैसे अपनी केयर करें:
- ऐसे समय में माँ को सेल्फ केयर को प्राथमिकता देनी चाहिए। इसके विभिन्न एक्टिविटीज का भरपूर आनंद लें। वहीं, पर्याप्त आराम करें।
- रोज़ाना फिजिकली एक्टिव रहें और रेगुलर एक्सरसाइज करें। मूड फ्रेश करने के लिए म्यूजिक आदि का आनंद लें।
- पति, दोस्त आदि से अपनी भावनाएं शेयर करें। कोई समस्या हो तो अपने परिजनों को बताएं।
- रोज़ाना डीप ब्रीदिंग व मेडिटेशन करें। अपनी डाइट का विशेष ध्यान रखें।
- आराम और नींद को पर्याप्त समय दें। इससे बॉडी और ब्रेन दोनों रिलैक्स रहेंगे।
- स्ट्रेस के कारणों पर परिजनों से बातचीत करें। इसके बावजूद परेशानी हो रही है तो अपने फिजिशियन को बताएं।