सर्दी, सूजन और दर्द जैसे विभिन्न हेल्थ इश्यू के लिए हम सभी घरेलु नुस्खे अपनाते हैं। हालांकि, ये वैज्ञानिक रिसर्च में अप्रूव किए हुए नहीं होते हैं। लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि कुछ घरेलु नुस्खे वाकई कारगर होते हैं। ऐसे कुछ नुस्खे हम आपको बताने जा रहे हैं, जिन्हें साइंस भी मान्य कर चुका है।
सूजन और दर्द के लिए हल्दी
सामान्यतः हल्दी सभी के किचन में आसानी मिल जाती है। हमारे धर्म ग्रंथों में भी हल्दी के औषधीय गुणों के बारे बताया गया है। कुछ स्टडी में यह बात सामने आई है कि हल्दी सूजन और दर्द के उपचार में कारगर है। दरअसल, इसमें करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है। एक शोध में यह बात सामने आई कि गठिया के दर्द से पीड़ित लोगों को 50 मिलीग्राम डाइक्लोफेनाक सोडियम की बजाय 500 मिलीग्राम करक्यूमिन देने पर दर्द काफी कम हो गया। वहीं, हल्दी का अर्क घुटने के पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस के रोगियों के लिए लाभदायक है।
दर्द और पीड़ा के लिए मिर्च
दर्द और पीड़ा से राहत दिलाने में कैप्साइसिन नामक तत्व काफी फायदेमंद है। मिर्ची में कैप्साइसिन की मात्रा 8 प्रतिशत होती है। सामान्य दर्द से निजात पाने के लिए घर पर ही कैप्साइसिन क्रीम बना सकते हैं। बता दें कि इस क्रीम का उपयोग कभी भी चेहरे या आंखों के आसपास न करें और इसे लगाते समय दस्ताने जरूर पहनें।
मतली के लिए अदरक
यदि आपको सर्दी, गले में खराश हो, या सुबह मतली और मतली का अनुभव हो तो अदरक का सेवन करना बेहद फायदेमंद है। इसका उपयोग चाय में मिलाकर भी कर सकते हैं। अगर आपको थोड़ी बेचैनी महसूस हो और सिरदर्द हो, तो अदरक का सेवन अवश्य करें। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट सूजन को दूर करने में मददगार है।
सूजन को कम करें शिटाके मशरूम
शिटाके मशरूम औषधीय गुणों से भरपूर होता है। एक शोध के मुताबिक, यह स्तन कैंसर कोशिकाओं को रोकने में मददगार है। एक अध्ययन में पाया गया कि हर दिन 5 से 10 ग्राम शिटाके मशरूम खाने से चार सप्ताह के बाद ह्यूमन इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।
माइग्रेन और चिंता के लिए लैवेंडर
माइग्रेन के दौरे, सिरदर्द, चिंता, और तनाव को दूर करने के लिए लैवेंडर को सूंघने से मदद मिल सकती है। अत्यधिक तनाव के समय लैवेंडर चाय पीना फायदेमंद है। अरोमाथेरेपी में अन्य पौधों के तेल के साथ इसे भी शामिल किया जा सकता है।
मांसपेशियों में दर्द के लिए पुदीना
पुदीना, कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसमें मिथाइल सैलिसिलेट नामक तत्व पाया जाता है, जो दर्द को दूर करने में फायदेमंद है। यह मांसपेशियों के दर्द को दूर करने में भी मदद करता है। पुदीना इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम(आईबीएस) के लक्षणों के इलाज में फायदेमंद है। साथ ही आईबीएस से दस्त और पेट दर्द को भी कम करता है। पुदीना पाचन और पेट की समस्याओं के अलावा सिरदर्द, सर्दी और शरीर की अन्य समस्याओं लाभदायक है।