कोरोना माहमारी के कई वेरियंट अब तक सामने आ चुके हैं। अब कोविड का नया वेरियंट जेएन.1 सामने आया है। कोरोना का यह नया वेरियंट नवंबर 2023 के बाद सामने आया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में इस वेरियंट के सबसे ज्यादा मामले सामने आए है। तक़रीबन 62 फीसदी कोविड-19 के मामले इसी कोविड वेरियंट जेएन.1 के है। ऐसे में आइए जानते हैं कोविड वेरियंट जेएन.1 के प्रमुख लक्षण और इससे बचाव के तरीके।
आखिर क्या है कोविड वेरियंट जेएन.1?
अमेरिका की बफ़ेलो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर थॉमस रूसो का कहना हैं कि कोविड वेरियंट जेएन.1 ओमिक्रॉन का ही डेरिवेटिव है। यह वेरियंट बीए.2.86. से जन्मा है। गर्मी के दिनों में इस वेरियंट की सक्रियता बढ़ जाती है। इसकी सबसे बड़ी वजह है स्पाइक प्रोटीन का उत्परिवर्तन। डॉ. थॉमस आगे बताते हैं कि कोविड 19 का प्रमुख कारण स्पाइक प्रोटीन है। यह शरीर की कोशिकाओं को संक्रमित कर देता है।
आइए जानते है कोविड वेरियंट जेएन.1 के प्रमुख लक्षण?
विशेषज्ञों का मानना हैं कि कोविड-19 और कोविड वेरियंट जेएन.1 के लक्षण एक जैसे हो सकते हैं। जो इस प्रकार है-
- खाँसी आना
- थकान होना
- बुखार या ठंड लगना
- सिरदर्द
- सांस लेने में परेशानी
- नाक बहना या बंद होना
- दस्त
- उलटी या मतली आना
- गला ख़राब होना
- शरीर में दर्द होना आदि।
क्या वैक्सीन इसे रोकने में कारगर है?
कोविड-19 वैक्सीन कोरोना के इस वैरियंट को रोकने में नाकाम है।
डॉ. थॉमस का कहना हैं कि कोविड-19 वैक्सीन कोरोना के इस वैरियंट को रोकने में नाकाम है। यह वैरियंट शरीर में एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने में 10 से 13 गुना अधिक शक्तिशाली है। इस वैरियंट से निपटने के लिए पॉजिटिव आने पर करीब पांच दिनों तक घर पर कोरेंटाइन रहना चाहिए। वहीं, करीब 10 दिनों तक अच्छी क्वालिटी के मास्क का उपयोग करना चाहिए। अगर आपका डायबिटीज या अस्थमा जैसी फेफड़ों की बीमारी है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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