बीते कुछ समय से रेड वाइन के हेल्थ बेनिफिट्स पर बहस जारी है। दरअसल, शराब का सेवन सेहत के लिए हानिकारक माना जाता है। रेड वाइन में भी एल्कोहल की मात्रा होती है। ऐसे में कई स्टडी से बार-बार पता चला है कि कम मात्रा में रेड वाइन के सेवन से हृदय रोग सहित कई बीमारियों का खतरा कम होता है। तो आइए जानते है कि रेड वाइन का सेवन क्या वाकई सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
आइए जानते रेड वाइन क्या है और इसे कैसे बनाया जाता है?
रेड वाइन (Red Wine) गहरे रंग के साबुत अंगूरों को कुचलकर और किण्वित करके बनाई जाती है। यह कई प्रकार की होती है, जो स्वाद और रंग में भिन्न होती है। रेडवाइन की शिराज, मर्लोट, कैबरनेट सॉविनन, पिनोट नॉयर और ज़िनफंडेल प्रमुख हैं। इसमें अल्कोहल की मात्रा आमतौर पर 12-15% के बीच होती है। इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। यही वजह है कि रेड वाइन को हेल्थ के फायदेमंद होती है।
फ्रांसीसी लोगों की सेहत का राज रेड वाइन
रेड वाइन के सेहत लाभ का एक कारण फ्रांसीसी लोगों को भी माना जाता है। दरअसल, फ्रांसीसी लोग बहुत अधिक संतृप्त वसा और कोलेस्ट्रॉल का सेवन करते हैं। इसके बावजूद फ्रांसीसियों में हृदय रोग या हार्ट अटैक की दर कम है। कुछ विशेषज्ञों का मानना था कि फ्रांसीसी लोग रेड वाइन का सेवन करते हैं यही उनकी सेहत का राज़ है। हालाँकि, नए अध्ययनों से पता चला है कि अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल और संतृप्त वसा आहार हृदय रोग का कारण नहीं बनता है।
वहीं, फ्रांसीसियों के अच्छे स्वास्थ्य के पीछे का असली कारण शायद यह है कि वे कम्प्लीट मील्स के सेवन के साथ हेल्दी लाइफस्टाइल जीते हैं।
रेड वाइन में रेस्वेराट्रोल नामक तत्व होता है
रेड वाइन में रेस्वेराट्रोल सहित शक्तिशाली पादप यौगिक और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। दरअसल, अंगूर कई एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं। इनमें रेस्वेराट्रोल, कैटेचिन, एपिकैटेचिन और प्रोएन्थोसाइनिडिन शामिल हैं। ये एंटीऑक्सिडेंट, विशेष रूप से रेस्वेराट्रोल और प्रोएन्थोसाइनिडिन अच्छी सेहत की वजह माने जाते हैं। जबकि प्रोएंथोसायनिडिन शरीर में ऑक्सीडेटिव क्षति को कम करके हृदय रोग और कैंसर को रोकने में मददगार है। अंगूर के ऊपरी हिस्से में रेस्वेराट्रोल पाया जाता है। बता दें रेस्वेराट्रॉल कई जानवरों लंबे समय तक जीवित रख सकता है।
कितनी मात्रा में सेवन करें
विभिन्न स्टडी में यह बात सामने आई है कि रेड वाइन हृदय रोग, स्ट्रोक और शीघ्र मृत्यु के जोखिम को कम करती है। एक अध्ययन के मुताबिक, जो लोग एक दिन में लगभग 150 मिलीलीटर (5 औंस) रेड वाइन पीते हैं, उनमें शराब न पीने वालों की तुलना में हृदय रोग का जोखिम मामूली रूप से कम हो जाता है। जबकि इसके अधिक सेवन से हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। दरअसल, थोड़ी मात्रा में रेड वाइन पीने से रक्त में “अच्छे” एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बनाए रखने में मदद मिलती है जिससे हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है। वहीं, एक अध्ययन से यह भी पता चला है कि प्रतिदिन 2-3 गिलास अल्कोहल युक्त रेड वाइन का सेवन करने से बी.पी.कम हो सकता है। वहीं, कुछ पुराने अध्ययनों में पाया गया है कि कम मात्रा में शराब पीने वालों को न पीने वालों या बीयर और स्पिरिट पीने वालों की तुलना में हृदय रोग से मृत्यु का खतरा कम होता है।