Prostate Cancer Symptoms : एक समय पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) की समस्या 40-45 साल की उम्र के बाद होती थी। लेकिन आज के बदलती लाइफस्टाइल और बेड हैबिट्स के कारण अब यह कम उम्र के युवाओं को भी होने लगी है। दरअसल, पुरुषों में पेट के निचले भाग में प्रोस्टेट नाम की ग्रंथि पाई जाती है, जो अखरोट के आकार की होती है। इसी प्रोस्टेट ग्रंथि में स्पर्म का निर्माण होता है। जब इस ग्रंथि की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि हो जाती है, तब यह प्रोस्टेट कैंसर का कारण बनती है। समय के साथ कैंसर इस प्रोस्टेट ग्रंथि से निकलकर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है।
कोई लक्षण नज़र नहीं आते है
आपने आमतौर पर सुना होगा कि कई लोगों को कैंसर हो जाता है लेकिन दो तीन स्टेज तक तो उन्हें इसका पता ही नहीं चलता है। प्रोस्टेट कैंसर के भी शुरूआती लक्षण आपको दिखाई नहीं पड़ते है। हेल्थ वेबसाइट हेल्थ लाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ”ब्लैडर से मूत्र को लिंग के जरिये एक ट्यूब की सहायता से बाहर लाया जाता है। जब कैंसर की साइज इस ट्यूब के बराबर हो जाती है, तभी इस कैंसर का पता चलता है।”
प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) के प्रमुख लक्षण
प्रोस्टेट कैंसर के सामान्य लक्षण कुछ इस प्रकार है-
- ज्यादा देर तक पेशाब करना
- रात में बार बार पेशाब आना
- पेशाब करने के बाद ऐसा लगता है कि जैसे ब्लैडर खाली नहीं हुआ है
- पेशाब में रक्त का आना
- स्पर्म में खून का आना
- पैरों में कमजोरी और सुन्न पड़ जाना
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन आदि।
कौन सी जांच कराएं
प्रोस्टेट कैंसर के अधिक स्टेज पार कर जाने पर मूत्राशय, मलाशय और रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है। ऐसे उपरोक्त लक्षणों के आधार पर प्रोस्टेट कैंसर का टेस्ट अवश्य कराएं। इस कैंसर का पता लगाने के लिए PSA (prostate-specific antigen) नामक जांच की जाती है।
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इन लोगों को होता है ज्यादा खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार, 45 से 50 साल के पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर की जाँच करवाना चाहिए। वहीं, 40 से कम उम्र के पुरुषों में यह रेयर ही होता है। प्रोस्टेट कैंसर वैसे तो किसी भी एज में हो सकता है, लेकिन इसके कुछ ख़ास कारक है।
- मोटापे का बढ़ना
- 50 साल से अधिक उम्र
- जेनेटिक बदलाव
- परिवार में पहले से किसी को यह बीमारी है