Relieve Anxiety: एंग्जायटी या चिंता दूर करने के लिए करें ये 5 ब्रीथिंग एक्सरसाइज

Shyam Dangi

आज की भागमभाग भरी लाइफ में एंग्जायटी या चिंता सबसे बड़ा विकार है। विशेषज्ञों के मुताबिक, तक़रीबन 30 फीसदी युवाओं में एंग्जायटी की समस्या है। इस समस्या से निजात पाने के लिए ब्रीथिंग एक्सरसाइज बेहद कारगर है। चिंता को दूर करने में साँस संबंधित व्यायाम बेहद प्रभावी है। यह आपके मूड को फ्रेश कर चिंता को दूर करने में मदद करता है। वहीं इसके जरिए हृदय गति और श्वसन दर को भी कम किया जा सकता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि एंग्जायटी को कम करने में श्वास-प्रश्वास काफी प्रभावी है। अगर, आप भी इस विकार से गुजर रहे हैं तो निम्न व्यायाम आपके लिए बेहद उपयोगी है।

बॉक्स ब्रीथिंग (Box Breathing):
बॉक्स ब्रीथिंग को टैक्टिकल ब्रीदिंग भी कहा जाता है। इसका सबसे पहले उपयोग अमेरिकी सेना के सदस्यों द्वारा तनाव को दूर करने में किया गया था। इस व्यायाम को बॉक्स ब्रीदिंग के नाम से जाना जाता है क्योंकि इसमें चार चरण होते हैं।

चरण एक: सबसे पहले 4 तक गिनती गिनते हुए अपनी नाक से सांस लें।
चरण दो: 4 तक गिनते हुए अपनी सांस रोकें।
चरण तीन: 4 तक गिनते हुए सांस छोड़ें।
चरण चार: 4 तक गिनते हुए अपनी सांस रोकें।
चरण पाँच: पुनः दोहराएँ।

साइक्लिक साइंग (Cyclic Sighing)
साइक्लिक साइंग में नियंत्रित साँस लेते हुए व्यायाम किया जाता है। इसमें लंबी साँस छोड़ने पर जोर दिया जाता है, जो चिंता के लक्षणों को कम करने मदद करता है। यह आपके मूड को फ्रेश करता है। स्टडी के मुताबिक साइक्लिक साइंग, माइंडफुलनेस की तुलना में अधिक प्रभावी है। बॉक्स ब्रीदिंग की तुलना में भी यह अधिक प्रभावी है। दरअसल,लंबी साँस छोड़ने से आपके पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र एक्टिव हो जाते है।

चरण एक: सबसे पहले अपनी नाक से धीरे-धीरे सांस लें जब तक कि आपके फेफड़े आधे न भर जाएं।
चरण दो: रुकें, फिर अपने फेफड़ों को दूसरी सांस से पूरी तरह भरने की कोशिश करें।
चरण तीन: अब अपने मुँह से धीरे-धीरे सारी हवा बाहर निकालें।
चरण चार: कम से कम 5 मिनट तक दोहराएं।

गहरी सांस लेना या डीप ब्रीथिंग
वैज्ञानिकों के अनुसार, डीप ब्रीथिंग या गहरी साँस लेना तनाव और चिंता जैसे विकारों से निपटने में सहायक है। बता दें कि गहरी साँस लेते समय आप अपने डायाफ्राम को सिकोड़ते हैं, अपने पेट को फैलाते हैं। इससे अवसाद, चिंता और तनाव की भावनाएं कम हो जाती हैं। अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेस बताता है कि 20 से 30 मिनट की गहरी सांस लेने से तनाव और चिंता कम हो सकती है।

पहला कदम: सबसे पहले शांत जगह पर बैठकर अपनी आंखें बंद करें और सामान्य सांस लें।
चरण दो: अब नाक से धीरे-धीरे सांस लें। जब फेफड़े हवा में हवा भर जाएं तब अपनी छाती और पेट के निचले हिस्से को ऊपर उठाएं।
चरण तीन: इसके बाद अपनी नाक या मुंह से नियंत्रित तरीके से धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
चरण चार: इस प्रक्रिया को तब तक दोहराएं जब तक आप शांत और आराम महसूस न करें।

अल्टरनेट नॉस्ट्रिल ब्रीथिंग (Alternate Nostril Breathing)
यह एक प्रकार का योग श्वास है। इसे करने से ध्यान में सुधार और ब्लड प्रेशर में कमी आती है। जो चिंता के लक्षणों को कम करने में उपयोगी है।

चरण एक: सबसे पहले सांस लें और अपने अंगूठे से अपनी दाहिनी नासिका बंद करें।
चरण दो: अपनी बायीं नासिका से सांस छोड़ें और फिर बायीं नासिका से सांस लें।
चरण तीन: छोटी उंगली से दाहिनी नासिका को बंद करें।
चरण चार: अपनी बायीं नासिका से सांस छोड़ें और अपनी बायीं नासिका से सांस लें।
चरण पाँच: दोहराएँ।

हमिंग ब्रीथिंग (Humming Breathing)
इसे भ्रामरी प्राणायाम या भौंरा श्वास भी कहा जाता है। दरअसल, इसमें जब आप सांस छोड़ते हैं तो गुंजन मधुमक्खी की ध्वनि आती है।

चरण एक: आरामदायक जगह पर फर्श पर क्रॉस-लेग्ड बैठ जाएं।
चरण दो: अपने चेहरे और जबड़े को आराम देते हुए, अपनी नाक से सांस लें और छोड़ें।
चरण तीन: उंगलियों से अपने कानों को बंद कर शोर या आवाज़ को रोकें।
चरण चार: अब अपनी नाक से गहरी सांस लें और नाक से सांस छोड़ें। साथ ही सांस छोड़ते समय गुनगुनाहट या भिनभिनाहट की आवाज निकालें।
चरण पांच: इस प्रक्रिया को सांस के कम से कम 6 चरणों तक दोहराए।

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  • Shyam Dangi

    Shyam Dangi is a content writer and editor for over 12 years. He specialises in writing on a variety of topics such as wellness, lifestyle, beauty, technology and fashion. His current focus is on creating factually correct and informative stories for readers.

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