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Vision Defects: बच्चों में क्यों बढ़ रही दृष्टि दोष की समस्या, एक्सपर्ट से जानिए उपाय

बढ़ते स्क्रीन टाइम से बच्चों में बढ़ रहा दृष्टि दोष। चित्र: फ्रीपिक

Vision Defects in Children: लोगों में दृष्टि दोष को लेकर अक्सर यह भ्रांति होती है कि यह सिर्फ बढ़ती उम्र के साथ ही होता है। लेकिन आज कि बदलती लाइफ स्टाइल की वजह से बच्चों में दृष्टि दोष की समस्या देखी जा रही है। रविवार को ऑप्टोमेट्री ब्लाइंड वेलफेयर एसोसिएशन एवं ऑप्टोमेट्री काउंसिल ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में तीसरी नेशनल ऑप्टोमेट्री कांफ्रेंस दृष्टि मंथन 2024 का आयोजन इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर किया गया। जिसमें विशेषज्ञों ने बच्चों में बढ़ते दृष्टि दोष को लेकर चिंता जाहिर की। इस दौरान विशेषज्ञों ने अल्पदृष्टि, विज़न थेरेपी और बच्चों में बढ़ रहे दृष्टि दोषों के सम्बन्ध
अपने विचार रखें।

तीसरी नेशनल ऑप्टोमेट्री कांफ्रेंस दृष्टि मंथन 2024 का आयोजन। चित्र: Healthdunia

एक दिवसीय इस नेशनल कांफ्रेंस में मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, उत्तरप्रदेश और कर्नाटक के 200 से ऑप्टोमेट्रिस्ट हिस्सा लिया। इस दौरान अहमदाबाद के नगर स्कूल ऑफ ऑप्टोमेट्री के सीनियर लेक्चरर ऑप्टोमेट्रिस्ट अतानु सामंता ने छोटी उम्र में बढ़ते दृष्टि दोष को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि छोटी उम्र के बच्चों और किशोरों में यह समस्या आज एक बड़ी समस्या बन गई।

देशभर के 200 से ऑप्टोमेट्रिस्ट ने हिस्सा लिया। चित्र: Healthdunia.com

डॉ. सामंता कहा कि हमने देखा है कि एक समय में दृष्टि दोष की समस्या केवल बुजुर्गों में दिखाई पड़ती थी। लेकिन आज छोटी-छोटी उम्र के बच्चे चश्मा लगाते हुए दिखाई देते हैं। आज हर बच्चा मोबाइल, लैपटॉप और टीवी का उपयोग करता है। इस वजह से यह समस्या छोटे बच्चों में भी हो रही है। ज्यादा समय तक स्क्रीन टाइम बिताने की वजह से 5 से 22 साल के किशोरों में यह समस्या बढ़ रही है।

विटामिन बेहद आवश्यक

आँखों सेहत के हरी सब्जियां खाएं। चित्र: फ्रीपिक

डॉ. सामंता का कहना है कि आंखों की हेल्थ के लिए विटामिन और मिनरल्स बेहद आवश्यक है। ऐसे जिन बच्चों में इन पोषक तत्वों की कमी होती है, उन्हें आंखों की समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस समस्या से बचने के लिए अपनी डाइट में ग्रीन वेजिटेबल, गाजर, चुकंदर, संतरा, शकरकंद आदि का सेवन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि विजन थेरेपी उस समय की जाती है, जब मष्तिष्क में एक इमेज नहीं बन पाती और ड्यूल इमेज की प्रॉब्लम होने लगती है।

मायोपिया की बढ़ती समस्या

चेन्नई के प्रसिद्ध ऑप्टोमेट्रिस्ट डॉ. संजय मेहता ने कहा कि मायोपिया की समस्या भी आज बढ़ती जा रही है। इसमें दूर की चीजें धुंधली या कम दिखाई पड़ती है। मायोपिया की प्रॉब्लम आईबॉल के बढ़ने के कारण होती है। इसके लक्षण इस प्रकार है-

संतुलित आहार बेहद जरूरी

सांगली से भारती विद्यापीठ के ऑप्टोमेट्री संकाय के विभागाध्यक्ष ऑप्टोमेट्रिस्ट अजित लिमये ने बताया कि आंखों की समस्या या तो जन्मजात होती है या जन्म के बाद। लो विजन की समस्या मानसिक विकार या आनुवांशिक विसंगतियां के साथ खानपान में विभिन्न पोषक तत्वों के कारण होती है। उन्होंने बताया कि कि लो विजन के मरीजों को अपनी डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, जिंक, विटामिन सी, ई से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए। वहीं हेल्दी आई के लिए नियमित व्यायाम भी बहुत जरूरी माना जाता है। बैंगलोर से आई ऑप्टोमेट्री काउंसिल ऑफ इंडिया की सीओओ ऑप्टोमेट्रिस्ट पॉला मुखर्जी ने बताया कि डायबिटीज का भी आँखों पर गंभीर एवं नकारात्मंक प्रभाव पड़ता है।

इस अवसर पर इंदौर डिविजनल ऑप्टोमेट्रिस्ट ब्लाइंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष ऑप्टोमेट्रिस्ट शैलेन्द्र वैष्णव, सचिव ऑप्टोमेट्रिस्ट धर्मेन्द्र आनिया एवं प्रवक्ता गजराज सिंह पवार समेत देश भर से आए ऑप्टोमेट्रिस्ट मौजूद थे।

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Disclaimer: इस लेख में लिखी गई सलाह और सुझाव केवल सामान्य जानकारी है। ऐसे में अगर आपको किसी प्रकार की परेशानी है या आपके कुछ सवाल है तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।

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  • Shyam Dangi is a content writer and editor for over 12 years. He specialises in writing on a variety of topics such as wellness, lifestyle, beauty, technology and fashion. His current focus is on creating factually correct and informative stories for readers.

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